Monday, August 9, 2010

Mera Saaya.

दिन  गुज़ार   गया , शाम ढल गयी ,
साथ ही साथ , रात चली आयी.


दिन होता है तो
तुम मेरा साया बन जाते हो.
रात  होते ही,
तुम मेरा सपना बन जाते हो.
और अगर कुछ नहीं तो,
मेरा ख़याल बनकर रह जाते हो.


जहा भी जाऊ, तुम मेरे साथ साथ
कभी साया , कहबी सपना और कभी ख़याल बनके.


साया है जो हर वक़्त साथ निभाता है.
सपना तो अब टूट गया.
और ख़याल है, जो आता है जाता है,
दिलको युही तड़पाता है.


सुबह की खुशबु और तुम्हारा चेहरा देखू
शाम की फिजाए , और तुम्हारी मुस्कान.
रात की विरानगी और दिल की तन्हाई.


दिल  तड़पता है तुम्हारे बिन,
बुलाता है तुम्हे हर गाड़ी .
मत तडपाओ और हमें,
मन हमारा है बोहोत दुखी.













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